गर्भवती महिला को आंगनबाड़ी में क्या क्या मिलता है भारत में गर्भवती महिलाओं के लिए विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी योजनाओं के माध्यम से पोषण, स्वास्थ्य, और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है।
प्रमुख योजनाओं में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, और एकीकृत बाल विकास सेवाएं (ICDS) शामिल हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य सहायता प्रदान करना होता है, ताकि वे और उनके होने वाले बच्चे स्वस्थ रह सकें। नीचे गर्भवती महिलाओं के लिए उपलब्ध राशन और अन्य सुविधाओं का विस्तृत जानकारी दिया गया है
गर्भवती महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों में निम्नलिखित सुविधाएं और वस्तुएं प्रदान की जाती हैं:
- पूरक पोषण आहार:
- दलिया
- खिचड़ी
- चावल
- दाल
- हरी सब्जियाँ
- फल
- दूध
- अंडे
- सूखा राशन:
- चावल
- गेहूं
- दाल
- चीनी
- तेल
- आयरन और फोलिक एसिड की गोलियाँ:
- आयरन की गोलियाँ
- फोलिक एसिड की गोलियाँ
- स्वास्थ्य जांच और परामर्श:
- नियमित स्वास्थ्य जांच (वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन जांच)
- स्वास्थ्य परामर्श
- टीकाकरण:
- टेटनस का टीका
- अन्य आवश्यक टीकाकरण
- स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा:
- पोषण और स्वच्छता के बारे में जानकारी
- सही आहार के बारे में परामर्श
- नियमित व्यायाम और स्वच्छता के महत्व पर शिक्षा
- अन्य आवश्यक वस्तुएं:
- फल
- सूखे मेवे (कुछ विशेष अवसरों पर)
आंगनवाड़ी केंद्रों का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को संपूर्ण पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, ताकि वे और उनके बच्चे स्वस्थ रह सकें।
1. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म पर 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है:
- पहली किस्त: गर्भावस्था के पंजीकरण के समय 1,000 रुपये।
- दूसरी किस्त: छह महीने की गर्भावस्था पूरी होने के बाद 2,000 रुपये।
- तीसरी किस्त: बच्चे के जन्म के बाद और बच्चे को पहली बार बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी का टीका लगाने के बाद 2,000 रुपये।
2. जननी सुरक्षा योजना (JSY)
जननी सुरक्षा योजना (JSY) का उद्देश्य मातृ और नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इस योजना के तहत गरीब गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि महिलाएं अस्पताल में प्रसव करवा सकें। इसके अतिरिक्त, महिलाओं को अस्पताल में आने-जाने के लिए भी सहायता दी जाती है।
3. एकीकृत बाल विकास सेवाएं (ICDS)
ICDS कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाती हैं:
- पोषण: गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार (Supplementary Nutrition) दिया जाता है, जिसमें पौष्टिक भोजन, दूध, अंडे, फल, और अन्य आवश्यक पोषक तत्व शामिल होते हैं।
- स्वास्थ्य जांच: नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण की सुविधा।
- स्वास्थ्य शिक्षा: गर्भवती महिलाओं को पोषण, स्वच्छता, और बच्चों की देखभाल के बारे में जागरूक किया जाता है।
- अन्य सेवाएं: स्वास्थ्य और पोषण की जानकारी देने के लिए परामर्श सेवाएं।
4. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं और योजनाएं गर्भवती महिलाओं के लिए चलाई जाती हैं। इसमें गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच, आवश्यक दवाइयों का वितरण, और संस्थागत प्रसव की सुविधा शामिल होती है। इस मिशन के तहत निम्नलिखित सेवाएं प्रदान की जाती हैं:
- फ्री मेडिकल चेक-अप: नियमित स्वास्थ्य जांच और प्रसव पूर्व देखभाल।
- आयरन और फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स: एनिमिया से बचाव के लिए आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां।
- निःशुल्क दवाइयाँ: गर्भावस्था के दौरान आवश्यक दवाइयाँ।
- स्वास्थ्य शिक्षा: पोषण और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता।
5. मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड (MSSK)
मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड (MSSK) के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को उनकी गर्भावस्था के दौरान सभी आवश्यक जानकारी और सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस कार्ड में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति, टीकाकरण, और प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद की देखभाल की जानकारी होती है।
6. राज्य सरकारों की योजनाएं
विभिन्न राज्य सरकारें भी अपनी-अपनी योजनाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को सहायता प्रदान करती हैं। इनमें से कुछ योजनाएं निम्नलिखित हैं:
- तमिलनाडु की मुफ्त जन्म योजना: इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं, भोजन, और प्रसव के बाद की देखभाल प्रदान की जाती है।
- महाराष्ट्र की मातृत्व अनुदान योजना: इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता दी जाती है।
- कर्नाटक की भाग्यलक्ष्मी योजना: इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को वित्तीय सहायता और पोषण आहार प्रदान किया जाता है।
7. पीडीएस के तहत राशन
जन वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से गरीब और बीपीएल (Below Poverty Line) परिवारों को सस्ता राशन प्रदान किया जाता है। गर्भवती महिलाएं भी इस प्रणाली का लाभ उठा सकती हैं। पीडीएस के तहत निम्नलिखित राशन वितरित किए जाते हैं:
- चावल और गेहूं: सस्ते दर पर।
- चीनी: सीमित मात्रा में सस्ते दर पर।
- केरोसीन: रियायती दर पर।
- अन्य खाद्य पदार्थ: राज्य सरकारों के अनुसार।
8. आंगनवाड़ी सेवाएं
आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित सेवाएं प्रदान की जाती हैं:
- मिड-डे मील: गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
- स्वास्थ्य जांच और परामर्श: नियमित स्वास्थ्य जांच और परामर्श सेवाएं।
- पोषण शिक्षा: पोषण और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता कार्यक्रम।
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9. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाएं
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों का समग्र विकास करना होता है। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं निम्नलिखित हैं:
- राष्ट्रीय पोषण मिशन: पोषण स्तर में सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रम।
- सखी वन स्टॉप सेंटर: महिलाओं के लिए चिकित्सा, कानूनी, और परामर्श सेवाएं।
10. निजी और गैर-सरकारी संगठन
कई निजी और गैर-सरकारी संगठन (NGOs) भी गर्भवती महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। ये संगठन विभिन्न कार्यक्रमों और परियोजनाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की सहायता करते हैं।
निष्कर्ष
गर्भवती महिलाओं के लिए भारत में कई योजनाएं और कार्यक्रम उपलब्ध हैं, जो उन्हें पोषण, स्वास्थ्य, और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों का समग्र स्वास्थ्य सुधारना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है। सरकारी और गैर-सरकारी प्रयासों के माध्यम से, इन महिलाओं को आवश्यक सहायता और संसाधन प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि वे स्वस्थ और सुरक्षित गर्भावस्था का अनुभव कर सकें।
FAQs
आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार के रूप में दलिया, खिचड़ी, चावल, दाल, हरी सब्जियाँ, फल, दूध, और अंडे जैसी पौष्टिक चीजें दी जाती हैं। इसके अलावा, उन्हें सूखा राशन भी दिया जाता है, जिसमें चावल, गेहूं, दाल, चीनी, और तेल शामिल हो सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजना के तहत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जन सुरक्षा योजना, एकीकृत बाल विकास योजना, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड और जन वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन का लाभ दिया जाता है
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